के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले दिग्गज ऐक्टर का बुधवार 7 जुलाई 2021 की सुबह निधन हो गया। दिलीप कुमार 98 साल के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। दिलीप कुमार फिल्मों में तो ऐक्टिव थे ही बल्कि आजादी के समय से ही कांग्रेस और नेहरू की विचारधारा के भी समर्थक थे। हालांकि एक समय ऐसा भी आया था जबकि दिलीप कुमार पर पाकिस्तानी जासूस होने का आरोप लगाया गया था। जासूस की डायरी से मिला था दिलीप कुमार का नामदरअसल दिलीप कुमार जन्म से मुसलमान थे और उनका नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। 60 के दशक में एक बार दिलीप कुमार पर पाकिस्तानी जासूस होने का शक जताया गया था। हुआ कुछ ऐसा था कि कोलकाता पुलिस ने एक पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया था। उसकी डायरी में दिलीप कुमार सहित बहुत से बड़े लोगों के नाम थे। मामले की तफ्तीश में कोलकाता पुलिस ने सोचा कि दिलीप कुमार का संबंध उस जासूस है और उनके घर पर छापा डाल दिया था। हालांकि दिलीप कुमार के घर से ऐसा कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला था। दिलीप कुमार के घर में ट्रांसमीटर?छापेमारी के बाद दिलीप कुमार के बारे में बहुत सी अफवाहें चलने लगी थीं। अफवाहों में यहां तक कहा जाता था कि दिलीप कुमार के घर के फर्श के नीचे से रेडियो ट्रांसमीटर बरामद हुआ है और वह फिल्म इंडस्ट्री में के मुसलमान जासूसों के सरगना हैं। हालांकि ये सभी अफवाहें झूठ के सिवाय कुछ भी नहीं थीं। दिलीप कुमार हमेशा भारत के सपोर्टर रहे और कई मौकों पर पाकिस्तान की तीखी आलोचना करते रहे। पाकिस्तान का सम्मान लौटाने से किया था इनकारदिलीप कुमार हमेशा दिल से हिंदुस्तानी रहे। जब पाकिस्तान ने उन्हें निशान-ए-इम्तियाज से नवाजा तो उन्होंने इस सम्मान को लेने से पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सलाह भी ली थी। वाजपेयी की सलाह के बाद 1998 में दिलीप कुमार पाकिस्तान इस अवॉर्ड को लेने गए थे और साथ में सुनील दत्त को लेकर गए थे। सुनील दत्त का जन्म भी पाकिस्तान में ही हुआ था। करगिल युद्ध के समय कुछ लोगों ने दिलीप कुमार से पाकिस्तान के सम्मान को लौटाने की बात कही थी मगर दिलीप कुमार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।
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