बैजनाथ महादेव मंदिर के पास बहने वाली पवित्र व प्राचीन बाण गंगा नदी के किनारे बने घाटों का जीर्णोद्धार जल्द ही होगा।
घाट के पास की मिट्टी घाट व नदी पर न आए इसे रोकने का प्रयास करने के साथ ही बगीचा बनाने की भी योजना प्रबंध समिति द्वारा बनाई गई है। नदी पर आगे स्टापडेम न होने से गर्मी के पहले ही इसका पानी सूख जाता है लेकिन जब तक नदी में पानी रहता है, श्रद्धा भाव से यहां महिलाएं दीपक छोड़ने आती है। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी यहां दशाकर्म करवाने आते हैं लेकिन घाट पर मिट्टी व कचरा होने से लोगों को परेशानी होती है। इसी बात को ध्यान में रखकर बैजनाथ के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए एसएलआर राजेश सरवटे ने जन सहयोग से इनके जीर्णोद्धार व उन्हें सुंदर बनाने का निर्णय लिया है। रविवार को घाटों की साफ सफाई करवाई गई। भैरव टेकरी के पास स्थित घाट का पहले जीर्णोद्धार कराया जाएगा उसके बाद नदी किनारे बने सभी घाटों का जीर्णोद्धार होगा। चबूतरा निर्माण के दौरान निकाली गई फर्शियों को इन घाटों पर लगाया जाएगा।
सीमेंट की कुर्सियां लगेंगी - नदी में नहाने वाले महिला-पुरुषों को कपड़े बदलने में परेशानी न हो इसलिए महिला व पुरुषों के अलग-अलग चेंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे। घाट के पास लोग बैठ सके इसलिए सीमेंट की कुर्सियां भी लगाई जाएंगी। नदी के प्रदूषित होने की बड़ी वजह उसमें लगातार कचरा व मिट्टी जाना है। सरवटे ने नदी व घाट पर मिट्टी न आएं इसके लिए घाट के पास ही बगीचा बनाया जाएगा, जिससे नदी व घाट की सुंदरता बढ़े।
जीर्णोद्धार के लिए इस तरह कराई घाटों की सफाई।
भस्मी कुंड में लगाई गई हैं सीढ़ियां
गणेश मंदिर व भस्मी कुंड के पास जन सहयोग से दो बगीचों का निर्माण हो चुका है। यहां बैठने के लिए भी कुर्सियां लगाई गई है। भस्मी कुंड का जीर्णोद्धार भी अंतिम चरण में है। करीब 4 वर्ष पहले यह कुंड मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया था लेकिन श्रद्धालुओं की मांग पर उसकी मिट्टी हटाकर उसे शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है। कुंड में जाने के लिए सीढ़ियों के पास स्टील के पाइप लगाएं गए है जिससे लोगों को परेशानी न हो। आसपास हरी मेटिंग बांधी गई ताकि धूल व कचरा भस्मी कुंड के पानी को प्रदूषित न करें।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2P3jLYo

No comments:
Post a Comment