(रिपाेर्ट -1-10 से ज्यादा क्षेत्रों से-मैं राघवेंद्र बाबा। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
रविवार दोपहर 1 बजे स्कीम नंबर 140 में रहने वाली उर्मिला काकी का चूल्हा ठंडा पड़ा था। काकी ने बताया कि परिवार में 13 सदस्य हैं, लेकिन काम बंद होने से खाने के लाले पड़ गए हैं। पास में ही रहने वाली सपना ने बताया- यहां सभी लोग दिहाड़ी मजदूरी करने वाले हैं। राशन खत्म हो गया है। हम तो भूखे रह सकते हैं, लेकिन बच्चों को रोता-बिलखता नहीं देख सकते। अब सब्र टूटने लगा है। किसी भी दिन लोगों का हुजूम सड़कों पर आ जाएगा। फिर चाहे जेल भेजो या फांसी दो। सूर्यदेव नगर के आनंद का कहना था कि लोग तो मदद करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस बाहर नहीं निकलने दे रही।
लाशों को राशन दोगे क्या
खंडवा नाका स्थित भावना नगर में भी कई बाशिंदे राशन के लिए परेशान हैं। यहां रहने वाले सोनू मालवीय ने कहा- बाहर निकलो तो पुलिस मारती है। घर में पैसे नहीं हैं। प्रशासन ने जो मदद की घोषणा की है। वह अभी तक नहीं मिली। क्या जब लोग घरों में भूखे मर जाएंगे, तब राशन देंगे। प्रशासन को पहले घोषणा करना थी। दो दिन का वक्त देना था, आदमी घर में राशन की व्यवस्था कर पाता।
कोई लिस्ट लेकर नहीं आय़ा
सोनिया गांधी नगर में रहने वाले पवन ने कहा- राशन की एक भी दुकान नहीं खुली है। अफसर बोल रहे हैं कि कचरा गाड़ी वाला राशन की लिस्ट लाएगा। तीन दिन से कोई लिस्ट नहीं आई। गरीब क्या करे ये समझ नहीं आ रहा है।
राशन के लिए दौड़ लगा रही महिलाएं
सूर्यदेव नगर, अहीरखेड़ी, दिग्विजय मल्टी, चंदन नगर, सुदामा नगर की बस्तियां होते हुए जब जबरन कॉलोनी पहुंचा तो यहां एक साथ कई महिलाएं सड़कों पर खड़ी थीं। पूछने पर कहने लगी कि कोई कहता है कि सरकारी राशन आ गया है। उसे ही लेने जा रही हैं। एक घंटे से परेशान हैं। शुरुआत में कुछ लोगों ने बना हुआ भोजन दिया था, लेकिन अब तो इतनी सख्ती है कि कुछ नहीं मिल रहा। सरकार बाहर निकले तो सही पता चले कि हर थाना क्षेत्र में तीन-चार गरीब बस्तियों की हालात बेहद खराब है।
(रिपाेर्ट -2-कंटेनमेंट एरिया से-मैं गौरव शर्मा। खतरों के बीच पत्रकारिता धर्म निभा रहा हूं। क्योंकि मेरे परिवार के साथ भास्कर के लाखों पाठकों को भी आज मेरी सबसे ज्यादा जरूरत है।)
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने इन क्षेत्रों को सील कर दिया है। लोग भी घरों में ही हैं। लोहारपट्टी, अंबिकापुरी में लोग सिर्फ दूध लेने के लिए ही बाहर आ रहे हैं। बाकी लॉकडाउन में घरों पर ही हैं।

लोहारपट्टी
टोरी कॉर्नर से लोहारपट्टी की तरफ बढ़ते ही सड़क के दोनों ओर घरों के दरवाजे बंद हैं। इक्का-दुक्का लोग घरों के बाहर भी आ रहे हैं। क्षेत्र के जीतू जैन कहते हैं कि लॉकडाउन में हम तो घर से बाहर नहीं निकले। इसी घर से कुछ आगे चलकर इमरान का घर है। उनका कहना है हम तो अब ओटलों तक भी नहीं आ रहे हैं।
बंबई बाजार
बंबई बाजार पुलिस चौकी से लगी तीनों गलियों को पुलिस ने सील कर दिया। बैरिकेडिंग लगा दी गई। सुरक्षा भी पुख्ता। क्षेत्र में वैसे तो ज्यादातर लोग घरों में ही हैं, लेकिन दो-तीन युवकों की आवाजाही चालू थी। एक ने कहा जरूरी फोन आ गया था, इसलिए बाहर आया। वहीं, दूसरी गली में भी कुछ युवकों की आवाजाही चल रही थी।
अंबिकापुरी
एरोड्रम रोड के अंबिकापुरी मेन को पुलिस ने पूरी तरह से सील किया है। क्षेत्र में एक कोरोना पॉजिटिव आने के बाद लोग घरों में ही हैं। क्षेत्र के निवासी नीलेश का कहना है अब थोड़ी परेशानी दूध की भी आती है क्योंकि एरिया सील होेने के बाद आवाजाही बंद है। उनका कहना है हम भी घर के बाहर तक सिर्फ दूध लेने ही जा रहे हैं।
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