शहर में काेरोना संक्रमण के 16 नए मामले मिले हैं। सोमवार को पॉजिटिव मरीजों की संख्या 151 पर पहुंच गई है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तीन मरीजों के मौत की पुष्टि भी की है। हालांकि इनकी मौत रिपोर्ट मिलने से पहले ही हो चुकी थी। इस महामारी से मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। इन बुरी खबरों के बीच अच्छी खबर भी आई। सोमवार को ही कोरोना से जंग जीतकर 11 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो गए। इनमें 10 तो अरबिंदो हॉस्पिटल में भर्ती थे, जबकि एक मेल नर्स एमआर टीबी अस्पताल में।
मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार नए पॉजिटिव मरीज टाटपट्टी बाखल, अहिल्या पल्टन, अनूप नगर, विद्या पैलेस, दौलतगंज (रानीपुरा), रानी नगर, दाऊदी नगर, आजाद नगर, धार रोड आदि क्षेत्रों में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अमले ने इन इलाकों को सील कर दिया है। इसी बीच दो संदिग्ध मरीजों की मौत की सूचना है। इनमें एक महिला और एक पुरुष हैं। महिला रानी बाग की रहने वाली है। उनकी डिप्रेशन की दवाइयां चल रही थी। रविवार को अचानक से उन्हें बोलने में दिक्कत होने लगी। इस पर उन्हें सीएचएल हॉस्पिटल लेकर गए। निमोनिया बताने पर एक्स-रे करवाया।
एक्स- रे रिपोर्ट में लंग्स डेमेज होना सामना आया था। जिसके बाद महिला को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर सोमवार सुबह 12 बजे कोरोना टेस्ट के सैम्पल लिए थे। सैम्पल लेने के आधे घंटे बाद महिला की 12.30 बजे मौत हो गई। वहीं, गोकुलदास अस्पताल में भर्ती राजिक खान की भी मौत हो गई। सांस में तकलीफ के कारण उन्हें रात में अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिजन का आरोप है कि रात को ऑक्सीजन लगाने के लिए ले जाया गया लेकिन उसमें ऑक्सीजन ही नहीं थी।
शहर में तीन नई मौतें
1. अब्दुल वाहिद, उम्र 56, ग्रीन पार्क कॉलोनी, 31 मार्च को हुई मृत्यु।
2. अजहर खान, उम्र 50, जेल रोड निवासी, 1 अप्रैल को दम तोड़ चुके थे।
3. मदीना शेख, उम्र 60, अनूप नगर निवासी, 3 अप्रैल को मौत हुई।
तीनों की रिपोर्ट उनकी मौत के बाद पॉजिटिव आई।
मुस्लिम समाज की माफी, कहा- डॉक्टर्स का सहयोग करें
टाटपट्टी बाखल की घटना पर मुस्लिम समाज ने माफी मांगी है। पाकीजा के संचालक महबूब गौरी ने कहा- समाजजनों में डर बैठ गया था। कई लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं। बहुत ज्यादा घनी बस्ती में रहते हैं, इसलिए संपर्क में आ रहे हैं। कई लोगों को कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखते हैं। कुछ को देर से दिखते हैं इसलिए उन्हें ऐसा लगता है कि हम तो फिट हैं। जब लक्षण नहीं हैं तो हम क्यों जांच कराए। सोशल मीडिया से उन्हें कोरोना की जो जानकारी मिल रही थी। उसी भाव में आकर टाटपट्टी बाखल में घटना हो गई, जो बहुत आहत करने वाली थी। हालांकि कई जगह प्रयास हो रहे हैं।
समाजजनों द्वारा गुलाब के फूल डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों को दिए जा रहे हैं। इससे लोगों जागरूकता आई है। जो घटना हुई उसके लिए माफीनामा दिया गया है और लोगों से गुजारिश भी की गई है कि जो डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी लगे हैं वे अपने फायदे के लिए हैं। उनका सहयोग करें और अच्छा नागरिक होने का परिचय दें।
रिपोर्ट देख मन में क्या बात आई?
मैं डरा नहीं, पता था कि 95 फीसदी ठीक हो जाते है। हमारा 10 सदस्यों का परिवार है। मुझे सबसे ज्यादा डर तभी लगा जब मेरी पत्नी, बच्चों के सैंपल लिए जा रहे थे। रिपोर्ट नेगेटिव आई तो बेचैनी कम हुई।
अब आप जब घर जा रहे हैं, कैसा लग रहा है आपको?
घर जाने के बाद भी मैं खुद को क्वारेंटाइन रखूंगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करूंगा।
काश, मैं बाहर नहीं गया होता
रिपोर्ट देख मन में क्या बात आई?
डर नहीं लगा। बीमारी है। जैसी दूसरी बीमारी होती है।
डर लगा कि कहीं पत्नी-बच्चों को तो नहीं हुआ?
हां, ऐसा भी लगा कि काश, मैं बाहर नहीं गया होता।
परिवार भी नहीं मिल पा रहा होगा?
7 दिन 7 साल की तरह निकले। जब पत्नी-बच्चे का सैंपल पॉजिटिव आया तो मुझे बहुत अफसोस भी हुआ कि काश, मैं बाहर जाता ही नहीं। मेरी वजह से शायद वे बीमार हो गए।
तीन दिन पहले आजाद नगर की जो
संक्रमित युवती सांवेर रोड स्थित मेडिकल कॉलेज के अस्पताल से भाग गई थी, रविवार रात को उसी मरीज का भाई भी क्वारेंटाइन सेंटर से भाग गया।
दीप नहीं जलाने वालों के कारण मरीज बढ़े : कैलाश
रविवार को पूरे देश में लोगों ने दीप जलाए, लेकिन इंदौर में कुछ लोगों ने दीप नहीं जलाए। उन्हीं के कारण इंदौर में कोरोना के मरीज बढ़े हैं। यह बात भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को कही। उन्होंने कहा- मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें। ऐसे लोगों ने न तो लॉकडाउन का पालन किया और न दीप जलाए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2JMt2jU

No comments:
Post a Comment