भास्कर संवाददाता | आष्टा
डायबिटीज यानि शुगर या मधुमेह। यह बीमारी तेजी के साथ लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। पूरा विश्व डायबिटीज दिवस 14 नवंबर को मनाता है। विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ स्वास्थ्य विभाग लोगों को इससे बचने की बात कहता है। यह अनुवांशिक बीमारी है। लोग थोड़ी सी सावधानी नियमित दिनचर्या व खानपान में कंट्रोल कर इससे बच सकते हैं। जिले में मधुमेह तेजी से फैल रही है।
यह बातें हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हीरा दलोद्रिया ने कार्यक्रम के दौरान कहीं। डॉ. श्री दलोद्रिया राजस्थान के जयपुर नगर में डायबिटीज के चार दिवसीय शिविर में शामिल होकर आए हैं। डॉ. दलोद्रिया ने कहा कि परिवार में अगर पूर्व में किसी को यह बीमारी रही है या है तो परिवार के अन्य सदस्यों को भी होने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। मोटे व्यक्ति जीवन निष्रिर यताएं काम के कारण समय से खाना नहीं खाना, भूखे पेट रहना इस बीमारी के तेजी से फैलने का प्रमुख कारण है। डॉ. दलोद्रिया ने कहा कि भारतीय भोजन में कार्बोहाइड्रेट अधिक होने के साथ लोग सर्करा की मात्रा बढ़ाने वाला भोजन भी अधिक करते हंै।
ऐसे बचा जा सकता है मधुमेह से : डॉ. दलोद्रिया के अनुसार पहले तो रात को जल्दी सो कर सुबह जल्दी उठे, पूरी नींद लें। मानसिक तनाव न करें। इससे आसानी के साथ बचा जा सकता है। हर दिन कम से कम 30 से 40 मिनट तेज चले, साइकिल चलाएं, तैराकी जैसे व्यायाम करें। खाना अगर दो समय खाते हैं तो इसे कम करते हुए दिन में तीन से चार बार खाएं। मीठे पेय पदार्थ से दूरी बनाएं। मीठा न खाए तो इससे बचा जा सकता है। अगर इससे पीडि़त हैं तो वह नियंत्रित रहेगी।
शुगर के लक्षण : डॉ. दलोद्रिया ने बताया कि मधुमेह के कई लक्षण हंै। मसलन अधिक भूख लगना, अधिक पेशाब आना, पानी पीते ही पेशाब का आना, अधिक प्यास लगना, चमड़ी में बार बार फोड़े फुंसी होना, पेशाब के स्थान पर इंफेक्शन होना, नजर का कमजोर होना या धुंधला दिखना, दाद होना। डॉ. दलोद्रिया के अनुसार मरीज में एक या इससे अधिक लक्षण भी हो सकते हैं।
अगर इनमें से कोई लक्षण नजर आता है तो तत्काल शुगर लेबल की जांच करा कर डॉक्टर की सलाह लेकर उपचार कराना चाहिए।
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