मुंबई अभिनेता मनोज कुमार (Manoj Kumar) ने बुधवार को कहा कि वह दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की वजह से ही सिनेमा के प्रशंसक बने थे। दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद 98 साल की उम्र में निधन हो गया। सिनेमा से मनोज कुमार के प्रेम की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने 11 साल की उम्र में दिलीप कुमार की फिल्म 'शबनम' देखी। युवा हरिकिशन गिरि गोस्वामी पर दिलीप कुमार के अभिनय का इतना असर हुआ कि उन्होंने 1949 में आई फिल्म में दिवंगत अभिनेता के चरित्र नाम पर अपना नाम रखने का निर्णय किया। युग की समाप्ति हो गई इस तरह हरिकिशन गिरि गोस्वामी ने जब 1950 के दशक के अंत में फिल्मों में प्रवेश किया तो वह मनोज कुमार बन गए। अब 83 वर्ष के हो चुके मनोज कुमार ने कहा कि उनके आदर्श दिलीप कुमार के निधन के बाद एक युग का अंत हो गया है। मनोज ने कहा, 'अशोक कुमार, राज कपूर, देव आनंद और अब दिलीप कुमार भी चले गए हैं। यह एक युग की समाप्ति है। वे सभी अब वापस नहीं आएंगे लेकिन उनकी विरासत आने वाले वर्षों में भी रहेगी।' इस वजह से नाम रखा मनोज कुमार मनोज कुमार ने याद करते हुए बताया, 'मैं 1949 में रिलीज हुई फिल्म 'शबनम' में दिलीप कुमार साहब को देखने गया था। यह उनकी वजह से ही था कि मैं सिनेमा का प्रशंसक बन गया। फिल्म में उनके चरित्र से मुझे प्रेम हो गया जिसका नाम मनोज था। उस समय मैं 11 साल का था और मैंने तुरंत निर्णय किया कि अगर मैं अभिनेता बना तो अपना नाम मनोज कुमार रखूंगा।' 'क्रांति' में साथ किया काम 'वो कौन थी', 'पूरब और पश्चिम' जैसी फिल्मों के अभिनेता रहे मनोज कुमार को वर्षों बाद 1981 में आखिरकार फिल्म 'क्रांति' में दिलीप कुमार के साथ पर्दे पर काम करने और उन्हें निर्देशित करने का मौका मिला। कुमार ने कहा, 'जब मैंने दिलीप कुमार को 'क्रांति' की कहानी सुनाई तो उन्होंने दो मिनट में हां कह दिया। मेरा मन खुशी से भर उठा। दिग्गज अभिनेता के साथ 'क्रांति' में काम करना मेरे लिए सपने के सच होने जैसा था।'
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