ऐक्ट्रेस शगुफ्ता अली () को उस वक्त जोर का झटका लगा जब पता चला कि उनके यूसुफ अंकल () यानी दिलीप कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे। इस वक्त बेहद आर्थिक तंगी और गंभीर बीमारियों से जूझ रहीं शगुफ्ता अली को दिलीप कुमार ने फिल्मों में काम दिलवाया था। इतना ही नहीं, दिलीप कुमार ने शगुफ्ता अली के पिता की सर्जरी में मदद की थी और आर्थिक संकट में परिवार की मदद की थी। शगुफ्ता अली ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में दिलीप कुमार के बारे में बात की और बताया कि 38 साल पहले किस तरह दिलीप कुमार उनके परिवार के लिए मसीहा बनकर आए और पूरे परिवार की मदद की। शगुफ्ता अली ने बताया कि परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने की खातिर ही उन्होंने शादी भी नहीं की थी। पढ़ें: 'पापा को लंदन लेकर गए दिलीप अंकल, पूरा खर्च उठाया' शगुफ्ता अली ने बताया, 'मेरे शादी न करने एक बड़ी वजह थी परिवार की जिम्मेदारी। मुझे उनका ख्याल रखना था। मैंने परिवार की वजह से ही काम करना शुरू किया था। मैंने 17 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था क्योंकि मेरे पापा की लंदन में हार्ट की एक बड़ी सर्जरी होनी थी और दिलीप कुमार साहब पापा को लंदर लेकर गए थे। उन्होंने ही इलाज का पूरा खर्च उठाया था।' 'हमेशा दिलीप अंकल की रहूंगी कर्जदार' शगुफ्ता अली ने आगे बताया, 'मेरे पापा दिलीप साहब के करीबी दोस्त थे। इसलिए दिलीप अंकल ने उनका सारा खर्च उठाया। यह 38 साल पहले की बात है। उस टाइम यूसुफ अंकल मतलब दिलीप अंकल ने लंदन में पापा के इलाज के लिए 6 लाख रुपये भेजे थे। सर्जरी सक्सेसफुल रही थी। वह वहां 2 महीनों तक रहे और फिर वापस आ गए। मैं और मेरी मां दिलीप अंकल के कर्जदार हैं। उन्होंने हमारी बहुत बड़ी मदद की थी।' पढ़ें: 'परिवार की आर्थिक मदद की' शगुफ्ता अली ने आगे कहा कि दिलीप कुमार ने सिर्फ उनके पापा के इलाज में ही नहीं बल्कि उन्हें काम दिलाने में भी मदद की थी। शगुफ्ता ने बताया कि सर्जरी के बाद पापा काम नहीं कर सकते थे और तब दिलीप कुमार ने उनके परिवार की बहुत आर्थिक मदद की थी। चूंकि परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए घर में और कोई सदस्य नहीं था, इसलिए शगुफ्ता ने काम करने का फैसला किया और वह दिलीप कुमार के पास पहुंच गईं। 'मुझे फिल्में दिलवाईं, पापा के ठीक होने तक सारा खर्च उठाया' वह बोलीं, 'मैंने अपनी SSC पूरी की और काम के लिए यूसुफ अंकल के पास पहुंच गई। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं शादी कर लूं पर मैंने उनसे कहा कि मैं अपने परिवार और पैरंट्स का ध्यान रखना चाहती हूं। तब उन्होंने मुझे फिल्में दिलवाने में मदद की। दिलीप अंकल ने मुझे मेरी पहली फिल्म 'कानून अपना अपना' दिलवाई। हालांकि मैंने पहले एक तेलुगु फिल्म की थी, लेकिन दिलीप अंकल ने मुझे वह फिल्म दिलवाई। इसके बाद उन्होंने मुझे एक और फिल्म दिलवाई और फिर इसके बाद मैंने काम करना शुरू कर दिया। उस वक्त भी मैं अपने परिवार की मदद करना चाहती थी और आज भी करना चाहती हूं।' पढ़ें: बता दें कि दिलीप कुमार का बुधवार 7 जुलाई को सुबह 7:30 बजे मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले काफी दिनों से बीमार थे और सांस संबंधी तकलीफ से गुजर रहे थे।
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