भोपाल .पवई से भाजपा विधायक रहे प्रहलाद लोधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भोपाल की विशेष अदालत से लोधी को मिली सजा पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया था, इसी के विरोध में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार की एसएलपी खारिज कर दी। माना जा रहा है कि अब लोधी की विधायकी बहाल हो सकती है, जिसे मप्र विधानसभा ने अयोग्य करार दिया था।
- सरकार के महाधिवक्ता शशांक शेखर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करके आगे निर्णय लेंगे।
- विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पीकर को अवगत कराएंगे।
यह था मामला
- उल्लेखनीय है कि तहसीलदार से पिटाई के एक पुराने मामले में लोधी को भोपाल की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।
- इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने लोधी की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी थी। सजा के खिलाफ लोधी ने हाईकोर्ट में अपील की, जिसमें हाईकोर्ट ने 7 जनवरी तक सजा पर स्टे दे दिया था।
सरकार घटिया हरकतों से बाज आए : शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्पीकर ने विधायक को असंवैधानिक तरीके से अयोग्य घोषित किया था। प्रदेश सरकार ने घटिया हरकत की और एक महीने तक क्षेत्र की जनता को अपने जनप्रतिनिधि से वंचित रखने का महापाप किया। लोधी के मामले में जब हाईकोर्ट ने सजा को स्टे कर दिया था, तो अयोग्यता भी स्वतः समाप्त हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को बरकरार रखा है।
अब आगे : लोधी की विधानसभा सदस्यता फिर हो सकती है बहाल
दलीलें कोर्ट ने नहीं मानीं
सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने एसएलपी पर दलीलें दीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें खारिज कर दिया। लोधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और पुरुषेंद्र कौरव ने पक्ष रखा।
स्पीकर का फैसला वापस होगा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष को विधायकी निरस्त करने के फैसले को वापस लेना होगा। अध्यक्ष के लिए औपचारिकता ही रहेगी कि वह सिर्फ चुनाव आयोग को सूचित करे।
-पुरुषेंद्र कौरव, वरिष्ठ अधिवक्ता
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