खंडवा .तीर्थनगरी ओंकारेश्वर के विकास के लिए प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले ही 156 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इससे ओंकारेश्वर में तेजी से काम होंगे। परिक्रमा पथ से लेकर रोप-वे तक बनाया जाएगा। इससे श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुंच सकेंगे। आधुनिक बस स्टैंड, शॉपिंग मॉल सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। पहली बार सिर्फ भास्कर में पढ़िए कि 156 करोड़ रुपए खर्च कर कहां क्या बनेगा...
ब्रह्मपुरी के पास आकस्मिक निकास द्वार और एप्रोच रोड
80 लाख रु. की लागत से ब्रह्मपुरी से कुबेर भंडारी व 90 लाख रु. से ब्रह्मपुरी से ममलेश्वर मंदिर तक एप्रोच रोड बनेगा। वहीं भीड़ बढ़ने पर किसी प्रकार की दुर्घटना की संभावना को देखते हुए 30 लाख रु. की लागत से आकस्मिक निकास द्वार ब्रह्मपुरी से झूलापुल की ओर बनाया जाएगा।
श्रीयंत्र की आकृति बनाने वाले मंदिरांे का भी होगा जीर्णोद्वार
ज्योतिर्लिंग से मिलकर श्रीयंत्र की आकृति बनाने वाले ब्रह्मेश्वर महादेव व विष्णु मंदिर और राजा मांधाता के किले के जीर्णोद्धार पर 5 करोड़ रु. खर्च होंगे।
छंटनी कर निर्माण का भेजेंगे प्रस्ताव
सिंहस्थ-2028 को ध्यान में रखकर ओंकारेश्वर विकास का प्लान बनाने में दो से तीन महीने लगे। विभागवार काम की छंटनी कर निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजेंगे। योजना आगामी 20 साल को ध्यान में रखकर
बनाई गई।- ममता खेड़े, एसडीएम, पुनासा
तीर्थनगरी के चौक-चौराहे व कॉलोनियों से लेकर सड़कों पर सोलर सिस्टम से चलने वाली लाइटिंग लगेगी। इस पर 5 करोड़ रु. खर्च होंगे। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 1 करोड़ रु. की लागत से ई-रिक्शा, साइकिल व बस की सुविधा भी उपलब्ध करवाएंगे।ओंकारेश्वर में कचरा निपटान की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि नर्मदा प्रदूषित न हो। सीएम ने पूरे प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है।तुलसी सिलावट, प्रभारी मंत्री, खंडवा।
प्रस्ताव के मुताबिक कहां-क्या बनेगा
- 5 करोड़ की लागत से बस स्टैंड एवं सर्वसुविधायुक्त यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण होगा। 5 करोड़ की लागत से ओंकारेश्वर में दो भक्त निवास बनेंगे।
- वाहन पार्किंग के लिए 5 करोड़ से मल्टीलेवल एवं 4 करोड़ से ट्रेंचिंग ग्राउंड के पास पार्किंग का निर्माण प्रस्तावित है। {10 लाख की लागत से 20 वॉटर एटीएम और 5 लाख रुपए से घाटों पर 20 चेंजिंग रूम, 80 लाख से 16 बाॅयो टायलेट।
- 30 लाख की लागत से यात्रियों के लिए 10 लॉकर्स सिस्टम बनेंगे साथ ही बोटिंग के लिए 50 लाख रु. की नावें खरीदी जाएंगी।
- 2 करोड़ रु. से 7 किमी के परिक्रमा पथ को संवारा जाएगा। 10 करोड़ से ओंकार पर्वत अतिक्रमण मुक्त कर परिक्रमावासियों के लिए विश्राम की सुविधा का विस्तार होगा।
- 80 लाख की लागत से नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विसर्जन कुंड बनेंगे।
- हर अमावस्या व पूनम पर स्नान के लिए ओंकारेश्वर के नर्मदा घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस वजह से इंदौर-इच्छापुर हाईवे व ओंकारेश्वर में जाम की स्थिति निर्मित होती है। इसलिए ट्रैफिक मैनेजमेंट पर भी काम शुरू हो गया है।
सिंहस्थ-2028 को देखकर बनाया ओंकारेश्वर का मास्टर प्लान
केंद्र ने अमृत योजना में देश के 500 और प्रदेश के 34 शहरों को शामिल किया था। जिसमें ओंकारेश्वर भी शामिल है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की उप-संचालक कविता नागर ने बताया ओंकारेश्वर को लेकर बनाया मास्टर प्लान अमृत विकास योजना-2031 प्रदेश में पहला है। उज्जैन सिंहस्थ-2016 में ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं को हुई असुविधा को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान में परिवर्तन किए हैं।
एक साल मेंस्नान एवं पर्व
12 पूर्णिमा, 12 अमावस्या, एक-एक महीने के दो कार्तिक और बैशाख मास के कल्प स्नान, 1 महाशिवरात्रि, 1 मकर संक्रांति के प्रमुख स्नान होते है। नर्मदा जयंती पर भी तीर्थनगरी में भक्तों की आना होता है।
इसलिए है ओंकार पर्वत परिक्रमा का महत्व
ज्योतिर्लिंग दर्शन करने जाने वाला हर श्रद्धालु ओंकार पर्वत परिक्रमा करना चाहता है, क्यांेकि यहां महाभारत काल से भी पुराने मंदिर हैं। इनमें केदारनाथ, ऋण मुक्तेश्वर, लेटे हनुमान, गौरी-सोमनाथ महादेव, आशापुरी माता, सिद्धनाथ मंदिर शामिल हैं। भीम-अर्जुन द्वार, चांद-सूरज द्वार सहित पांच प्राचीन द्वार भी हैं। ऋण मुक्तेश्वर मंदिर के सामने नर्मदा-कावेरी संगम स्थल भी है जहां स्नान का बड़ा महत्व है। पंचक्रोशी यात्रा भी पर्वत परिक्रमा के बाद ही पूर्ण मानी जाती है।
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