सभी वर्गों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा को नि:शुल्क किया जाए
कार्यक्रम समापन के बाद एसी-एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक धार्मिक एकता मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता 9 सूत्रीय मांगाें को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने के लिए एसडीएम कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने डॉ.भीमराव अंबेडकर के जयकारे लगाते हुए राज्यपाल के नाम एसडीएम गणेश जायसवाल को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से हमने राज्यपाल से मांग की है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया जाए। देश में सभी वर्गों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा को नि:शुल्क किया जाए। वीरांगना अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा को लहार चौराहा भिंड पर जल्द लगवाया जाए। क्योंकि इस चौराहा पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 2 अप्रैल 1992 में प्रतिमा स्थापना के लिए भूमि पूजन किया था। साथ ही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज दिया जाए। इस प्रकार हमारी अन्य मांगे हैं। इस अवसर पर शिवसिंह नरवरिया, राजवीर सिंह बघेल, प्रहलाद सिंह नरवरिया, जयनारायण गुर्जर, नरेश सिंह नरवरिया, राजकुमार कुशवाह, राजेंद्र गुर्जर, देवाशीष जरारिया, लोकेंद्र गुर्जर, बादशाह सिंह गुर्जर, नारद कुशवाहा, शिवनाथ कुशवाहा, अनिल यादव, शैलेंद्र यादव, लक्ष्मीनारायण जाटव, रामवीर सिंह यादव, रुबीना कुर्रेशी, एडवोकेट नरोत्तम सिंह, लज्जाराम कुशवाहा, हाजी मोहम्मद कुर्रेशी आदि मौजूद रहे।
एमजेएस कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते प्रोफेसर ।
बाबा साहब को दी श्रद्धांजलि
शहर के शासकीय एमजेएस कॉलेज में डॉ.भीमराव अंबेडकर की जयंती कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर और छात्रों ने बाबा साहब को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर हर्षवर्धन ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में अंबेडकर के दर्शन की जरूरत है। छात्रों को बाबा साहब के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए। इसीक्रम में प्राचार्य डॉ.अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि समरसता का सबसे बड़ा डॉ.अंबेडकर उदाहरण है। जिनके कारण आज हम यहां हैं। इस मौके पर डॉ.केके रायपुरिया, डॉ.दीपा यादव, प्रो.रविकांत सिंह, डॉ.जितेंद्र अर्गल, डॉ.ममता धाकड़, डॉ.आरए शर्मा, अंशुल हरिऔध आदि ने भीमराव अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला।
मौत के बाद निर्वाण इसलिए परिनिर्वाण
कार्यक्रम में मंच के वरिष्ठ पदाधिकारी मेघसिंह नरवरिया ने बताया कि आज हम सभी लोग भीमराव आंबेडकर की जयंती को परिनिर्वाण दिवस के रूप में मना रहे हैं। लेकिन यहां पर बैठे अधिकांश लोगों को यह पता नहीं होगा कि परिनिर्वाण क्या होता है। परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है। इसका मतलब मौत के बाद निर्वाण है। बौद्ध धर्म के अनुसार, जो निर्वाण प्राप्त करता है वह संसारिक इच्छाओं और जीवन की पीड़ा से मुक्त होगा और वह जीवन चक्र से मुक्त होगा यानी वह बार-बार जन्म नहीं लेगा। बाबा साहब ने गरीब वर्ग की स्थिति में सुधार लाने के लिए काफी काम किया और छूआछूत जैसी प्रथा को खत्म करने में उनकी बड़ी भूमिका थी। इसलिए उनको बौद्ध गुरु माना जाता है। डॉ. आंबेडकर अपने कार्यों की वजह से निर्वाण प्राप्त कर चुके हैं। यही वजह है कि उनकी पुण्यतिथि को परिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाई जाती है।
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