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Friday, August 20, 2021

ऐक्‍ट्रेस सुरभ‍ि दास की दो टूक- नॉर्थ ईस्‍ट की लड़की मेडल जीते तो देश की की बेटी, नहीं तो 'चिंकी'

इस वक्त टीवी शो 'नीमा डेन्जोंगपा' () की जबरदस्त चर्चा हो रही है। शो की कहानी नॉर्थ ईस्ट की रहने वाली एक ऐसी लड़की है, जो सिक्किम की गलियों से निकलकर मुंबई अपने सपनों को पूरा करने जाती है। लेकिन यहां नॉर्थ ईस्ट की होने के कारण लोग उसके साथ भेदभाव करते हैं और अलग-अलग नामों से बुलाते हैं। शो में नीमा का लीड किरदार असम की ऐक्ट्रेस सुरभि दास () निभा रही हैं। सुरभि दास ने हाल ही हमारे सहयोगी ईटाइम्स के साथ इस टीवी को लेकर बात की और खुलासा किया कि असल जिंदगी में उन्होंने भी बहुत नस्लवाद और भेदभाव झेला है। उन्होंने बताया कि जब वह दिल्ली में थीं तो लोगों ने उन्हें तरह-तरह के नामों से बुलाया। 'खूब झेला भेदभाव, लोगों ने उड़ाया मजाक' सुरभि दास ने कहा, 'नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ यह बहुत ही आम बात है। उनके साथ बहुत भेदभाव किया जाता है और तरह-तरह के नामों से बुलाया जाता है। मैंने खुद यह तब सहा जब दिल्ली में थी। लोग मेरी खराब हिंदी का मजाक उड़ाते थे। बल्कि मैं तो यह कहूंगी कि जिन-जिन लोगों ने मुझे पर कॉमेंट किया और मेरी खराब हिंदी का मजाक उड़ाया, असल में उन्होंने ही हिंदी को सुधारने में मेरी मदद की।' 'दोस्त अलग-अलग नाम से चिढ़ाते थे' सुरभि ने आगे कहा, 'मैं उनकी शुक्रगुजार हूं। मेरे कई दोस्त थे जो मुझे चिढ़ाते थे। वो सोचते थे कि वो मुझसे प्यार से चिढ़ाते हैं पर मैंने हमेशा ही इस पर आपत्ति जताई। मैं उनसे हमेशा कहती थी कि मुझे इस तरह के भेदभाव या जातिवाद वाले नामों से मत बुलाओ। अगर आप लोग ऐसा मजाक में कर रहे हैं तो यह बिल्कुल भी मजाक नहीं है।' 'मेडल जीते तो देश की बेटी, नहीं तो चिंकी' हाल ही ओलंपिक में जब वेटलिफ्टर ने सिल्वर मेडल जीता तो कई लोगों ने बधाइयां देते हुए उन्हें 'भारत की बेटी' तक कहा था। इस पर रिऐक्ट करते हुए ऐक्टर मिलिंद सोमन की वाइफ ने कहा था कि आप तभी भारतीय हो सकते हैं अगर आप देश के लिए मेडल जीतते हैं, नहीं तो आपको 'चिंकी', 'चाइनीज' जैसे नामों से बुलाया जाता है। इस बारे में जब सुरभि दास से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अंकिता की बात से पूरी तरह सहमत हैं। बता दें कि अंकिता भी नॉर्थ-ईस्ट की रहने वाली हैं और उन्होंने भी नस्लीय टिप्पणियों और भेदभाव का सामना किया है। सुरभि दास ने कहा, 'जब नॉर्थ-ईस्ट के लोग मेडल जीतते हैं तो लोग 'भारत की बेटी' या 'भारतीय' कहते हैं, वरना तो हम 'चिंकी' हैं। उम्मीद करती हूं कि जिस तरह नॉर्थ-ईस्ट के लोग स्पॉर्ट्स से लेकर फिल्मों और अन्य क्षेत्रों में पहचान बना रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं, उससे जल्द ही लोगों की सोच बदलेगी।' सुरभि दास हमेशा से ही ऐक्ट्रेस बनना चाहती थीं और मुंबई आने के सपने देखती थीं। अब उनका यह सपना पूरा हो चुका है और उन्होंने अपना बेस मुंबई शिफ्ट कर लिया है। सुरभि दास का सपना है कि अब वह हिंदी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ही काम करेंगी और हार नहीं मानेंगी। सुरभि दास ने कुछ असमिया टीवी शोज में काम किया है। उन्होंने साल 2019 में आए टीवी शो 'परिणिता' से ऐक्टिंग करियर की शुरुआत की थी।


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