 
धामनोद के दिल्ली पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल के सातवीं से नौवीं तक के बच्चों ने अपने टीचर के साथ मिलकर एक रोबोट तैयार किया हैै। इस रोबोट को ब्लूटूथ के जरिए मोबाइल से दस मीटर की दूरी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसका मकसद अस्पतालों में काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ और डाॅक्टर्स की मदद करना है ताकि वे कोरोना संक्रमण से बच सकें इसलिए स्कूल ने इसे कोरोना वाॅरियर नाम दिया है। स्कूल के निदेश विजय पारीक ने बताया- बच्चों ने टीचर अश्विन राजवैद्य के मार्गदर्शन में इसे दस हजार से भी कम की लागत में तैयार किया है। यह ब्लूटूथ के जरिये चलेगा। इसके हाथों के बीच एक प्लेटफार्म है जिस पर चीजें रखी जा सकती हैं। हम इसे किसी अस्पताल को देना चाहते हैं ताकि वहां कोरोना मरीजों को ये दवाई और खाने सहित दूसरी चीजें दूर से दे सके और वहां का नर्सिंगस्टाफ और डाॅक्टर्ससंक्रमण से बचे रहें।
शिवपुरी : चप्पलों को पता है डिस्टेंसिंग, लोगों को नहीं, भीड़ के रूप में पैसे निकालने बैंक पहुंचे
यह नजारा सिद्धेश्वर के पास देना बैंक का है। यहां जन-धन खातों में सरकार द्वारा डाली गई राशि निकलवाने के लिए लंबी कतार लग गई। लोग तेज धूप से बचने के लिए छांव में इकट्ठा हो गए। सोशल डिस्टेंस के लिए बनाए गोले में उन्होंने अपनी चप्पलें रख दीं, ताकि कतार में उनका नंबर पीछे न चला जाए। वहीं उनके पीछे महिलाएं भीड़ के रूप में लाइन में एवं आसपास बैठी रहीं। लगातार प्रदेश में कोरोना पाजिटिव बढ़ रहे हैं, पर इनमें इसका कोईडर नजरनहीं आया।

Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3e4HZfe
 
 
 
No comments:
Post a Comment