(गौरव शर्मा-बड़वाली चौकी से..) सोमवार सुबह 11 बजे। हनुमान मंदिर के पास से बड़वाली चौकी की और जाने वाले रास्ते पर बैरिकेड्स लगे हैं। बैरिकेड्स के ऊपर एक टेडी बियर रखा दिया है। उसके मुंह पर मास्क, हाथों में लाल रिबन लगाकर कागज पर संदेश लिखा है ‘आना मना’ है। क्षेत्र में इस हिस्से से आवाजाही पूरी तरह से बंद है। न कोई बाहर जा सकता, ना ही कोई अंदर आ सकता। लोगों का कहना है 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का पालन इसी तरह से किया जाएगा।
इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने पर एक घर है। इसमें रहने वाले अनस कहते हैं हमने तो लॉकडाउन के बाद से ही घर में ताला लगा रखा है। सुबह दूध लेने आते हैं, वो भी सिर्फ गेट तक। उसके बाद नहीं। इसी घर से कुछ दूरी पर रहने वाले इमरान का कहना है यहां लोग सतर्क हैं, घरों में ही हैं। आवाजाही बंद ही है। बड़वाली चौकी के दूसरे हिस्से पर कोई बैरिकेडिंग नहीं है।
कालानीनगर से आगे पानी की टंकी के सामने वेंकटेशनगर नगर का हिस्सा। यहां के आने-जाने वाले दोनों रास्तों को लोगों ने बंद कर दिया है। गेट पर ताला लगा है। क्षेत्र के रहवासी धीरज खंडेलवाल का कहना है गेट का ताला अब 14 अप्रैल को ही खोलेंगे। लोग घरों में ही हैं। बाहर भी आवाजाही नहीं हो रही है। इसी रोड से कुछ दूरी पर अंबिकापुरी मेन में एक घर में कोरोना पॉजिटिव केस आया था। उसके बाद से लोग और सतर्क हो गए हैं।
इधर, मल्हारगंज (गोपाल निवास) में भी गली को लोगों ने पूरी तरह से बंद किया हुआ है। इसी गली में रहने वाले राजेंद्र सोनी का कहना है ये जरूरी भी है। आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित की हुई है। बाहर का कोई व्यक्ति अंदर नहीं आए, न ही कोई रहवासी बाहर जाए। चौथी पल्टन में भी कई गलियों में लोगों ने यही किया है। दोनों ओर से गली को ब्लॉक कर दिया है।
लॉकडाउन का सख्त पालन, एक ही व्यक्ति ला रहा है कई घरों का पानी
भमोरी मेनरोड पर रहने वाले मजदूरों को खाने से लेकर पीने के पानी तक की परेशानी है। हालांकि इसके बाद भी ये लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। यहां रहने वाले 12 परिवारों के लोग हर दिन तीन अलग ठेलों पर जाकर पानी ले आते हैं। एक व्यक्ति कई घरों का पानी लेकर आ रहा है। यहीं रहने वाले गब्बू कहते हैं हमें दूर से पानी लाना पड़ रहा है। हम सभी मिल-जुलकर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। तीन लोग जाकर सभी घरों का पानी ले आते हैं। वहीं, यहीं रहने वाली एक महिला का कहना है कि हम लोग मजदूरी करते हैं। छोटे बच्चे हैं। घर में खाने की परेशानी है। प्रशासन से कहा वे उनकी मदद करें ताकि परिवार का पेट भर सके।
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