ग्वालियर। उत्तर प्रदेश की सरकार के बाद की शिवराज सरकार ने भी में फंसे छात्रों को लाने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश के कोटा में 4,000 के करीब छात्र फंसे हैं। सरकार ने पहले जिला स्तर पर छात्रों की सूची बनाई है। उस आधार पर वहां से छात्रों को लाने की व्यवस्था की गई है। सोमवार को भी कुछ जिलों से बसें रवाना की गई थीं। मंगलवार को ग्वालियर से 150 बसें कोटा के लिए रवाना की गई है। बसों की रवानगी से पहले सैनिटाइज किया गया। उसके बाद कलेक्टर ने सभी बसों को कोटा के लिए रवाना किया। ये बसें कोटा पहुंचने के बाद वहां से तुरंत छात्रों को लेकर वापस लौट जाएगी। 1 बस में 20 से ज्यादा छात्र नहीं बैठेंगे। छात्रों को लाने के लिए ग्वालियर से बसों के साथ नगर निगम के अपर आयुक्त दिनेश शुक्ला को भेजा गया। इनके साथ 3 और लोग भी गए हैं, जो कोटा से छात्रों को वापस लेकर लौंटेगे। भिंड से भी गईं बसें वहीं, भिंड से भी छात्रों को लाने के लिए 6 बसें रवाना की गई हैं। इससे पहले यहां से 25 बसें और गई थीं, जो मंगलवार को भिंड पहुंचेंगी। कोटा से लौटे सभी बसें मंगलवार को भिंड के सर्वा में रुकेंगी। छात्रों के खाने की व्यवस्था भी यहीं की जाएंगी। उसके बाद उनका मेडिकल चेकअप होगा। फिर सभी छात्रों को क्वारंटीन में रहना होगा। मजदूरों को भी लाए सरकार मध्यप्रदेश के हजारों मजदूर दूसरे शहरों में फंसे हैं। शिवराज सरकार ने जब से कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने का फैसला लिया है, उसके बाद कांग्रेस प्रवासी मजदूरों को भी बाहर से लाने की मांग कर रही हैं। यहां लाकर उन मजदूरों के लिए गांव के बाहर ही क्वारंटीन की व्यवस्था हो। लेकिन सरकार ने मजदूरों को लेकर अभी तक कोई प्रयास नहीं किया है। हालांकि कांग्रेस की मांग पर मध्यप्रदेश सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बाहर फंसे मजदूरों को राहत दी वहीं, शिवराज सरकार ने बाहर फंसे मजदूरों को राहत जरूर दी है। प्रवासी मजदूरों के खाते में सरकार ने 1-1 हजार रुपये डाले हैं। साथ ही कहा है कि जरूरत पड़ी तो हम और राशि भेजेंगे। यहीं जिन राज्यों में मध्यप्रदेश के मजदूर फंसे हैं, उन राज्यों के सीएम से ने उनके रहने और खाने की व्यवस्था करने के लिए बात भी की है।
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