 भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) अशोकनगर के रंगकर्मियों ने नाटय का नया प्रयोग उज्जैन में किया। कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के अभिरंग नाट्य ग्रह में कविता का प्रदर्शन किया। पहली बार अशोकनगर के रंगकर्मियों ने कविता के प्रभाव और बिम्बों को नाट्य रूप और नाटय के दृश्य के माध्यम से प्रस्तुत किया।
 भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) अशोकनगर के रंगकर्मियों ने नाटय का नया प्रयोग उज्जैन में किया। कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के अभिरंग नाट्य ग्रह में कविता का प्रदर्शन किया। पहली बार अशोकनगर के रंगकर्मियों ने कविता के प्रभाव और बिम्बों को नाट्य रूप और नाटय के दृश्य के माध्यम से प्रस्तुत किया।पिछले 30 सालों से रंगकर्म के क्षेत्र में काम कर रहे इप्टा अशोकनगर के रंगकर्मियों ने पहली बार कविता के प्रभाव और बिम्बों को नाट्य रूप और नाटक के दृश्य माध्यम में प्रस्तुत किया। कविता का कोलाज (हिन्दी कवि भगवत रावत, चंद्रकांत देवताले, विनय दुबे, सुदीप बैनर्जी) की कविताओं का एकाग्र नाटक का प्रदर्शन किया। ये प्रस्तुति साहित्य अकादमी, मप्र संस्कृति परिषद ने आयोजित “साम्प्रदायिकता के विरुद्ध साहित्य, स्मृति चन्द्र कान्त देवताले “ आयोजन में दी। इस प्रस्तुति को सीमा राजौरिया के निर्देशन में युवा रंगकर्मियों ने तैयार किया था और इस प्रयोगधर्मी प्रयास में वे पूरी तरह सफल रहे।
इस प्रस्तुति के समय देश के कई महत्वपूर्ण लेखक, कवि, चित्रकार, रंगकर्मी और उज्जैन के सुधि जन उपस्थित थे। इस प्रस्तुति में कविताओं के चयन तथा कुछ कविताओं को संगीतबद्ध करने का काम हरिओम राजौरिया ने किया था।
नाटय की प्रस्तुति के दौरान अपनी प्रस्तुति देते अशोकनगर इप्टा के कलाकार।
इन रंगकर्मियों ने की भागीदारी
इस प्रस्तुति में जिन युवा रंगकर्मियों ने भागीदारी की उनमें अनुपम, सौरभ, शिवानी, दीपिका, सलोनी, खुशी, रुपाली, विशाल, हर्ष, दर्श, दिनेश, कार्तिक और सुशांशु आदि कलाकार शामिल थे।
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