साल 2013 में फिल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' से बॉलिवुड करियर शुरू करने वाली ऐक्ट्रेस लंबे इंतजार के बाद अब जाकर लगातार फिल्में कर रही हैं। इन दिनों वाणी अपनी हालिया रिलीज फिल्म 'बेल बॉटम' से चर्चा में हैं। इसी सिलसिले में हमने उनसे की ये खास बातचीत: करियर में शुरुआत में आपने दूसरी पिक्चर के लिए तीन साल लंबा इंतजार किया और अब बैक टू बैक आपकी तीन फिल्में आ रही हैं। इस 8 साल के फिल्मी सफर में आपके लिए सबसे अहम सीख क्या रही? यार, मेरा इंतजार ही खत्म नहीं होता है, मैं क्या करूं। अब जाकर पिक्चरें बन रही हैं, तो महामारी आ गई। अब उसकी वजह से इंतजार करना पड़ रहा है कि ये महामारी खत्म हो, तो पिक्चरें लगें। पता नहीं मेरी किस्मत में क्या है। जब भी कुछ होता है, इंतजार पहले आ जाता है। फिर भी, अभी जैसी फिल्मों का मैं हिस्सा बनी हूं, मैं अपने फैसलों से खुश हूं। इस इंडस्ट्री ने मुझे सबसे ज्यादा धैर्य रखना सिखाया है कि कुछ भी आसानी से नहीं मिलता। जो भी इस इंडस्ट्री में किसी मुकाम पर पहुंचा है, वह अपनी मेहनत और सही फैसलों से पहुंचा है, तो आप उसे ये नहीं कह सकते कि ये क्यों आया है या इसे काम क्यों मिल रहा है? मैं तो दिल्ली की लड़की हूं, वहां से आई हूं। न मेरा कोई गॉडफादर था, न कोई सपोर्ट, पर अच्छे लोगों के साथ काम करने का मौका मिला। फिल्म 'बेल बॉटम' में आपका रोल कुछ खास बड़ा नहीं है। ऐसे में, यह फिल्म करने की क्या वजह रही? इस फिल्म में अक्षय कुमार सर हैं। वह मेगास्टार हैं। ऐक्शन, कॉमिडी हर चीज कमाल करते हैं, तो मेरे लिए सबसे बड़ी बात थी कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। मैंने हमेशा बोला है कि मेरे पापा उनके बहुत बड़े फैन हैं। मैं उनकी बहुत बड़ी फैन हूं, उनकी सारी फिल्में मैंने देखी हैं, तो उनके साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करना ही मेरे लिए बहुत बड़ा मौका था। हां, मैं चाहूंगी कि आगे अक्षय सर के साथ फिर काम करूं, जहां मेरा रोल और बड़ा हो, इंपैक्टफुल हो, पर इस फिल्म की कहानी बहुत अच्छी है, तो एक अच्छी फिल्म का छोटा हिस्सा बनना भी बुरा नहीं है। कहानी में इतना दम था कि मुझे लगा कि इतनी अच्छी फिल्म का छोटा हिस्सा बनना भी खराब सौदा नहीं है। अपने करियर में पहली बार आप इतनी व्यस्त हैं। 'बेल बॉटम' के बाद आपकी 'शमशेरा' और 'चंडीगढ़ करे आशिकी' जैसी फिल्में भी कतार में हैं... (बीच में) 'शमशेरा' का तो मैं कबसे इंतजार कर रही हूं। 'शमशेरा' पिछले साल जुलाई में आनी थी, पर कोरोना की वजह से रुकी हुई है। वे भी इंतजार कर रहे हैं कि थिएटर्स सब जगह खुल जाएं, 100 फीसदी ऑडियंस हो जाए, क्योंकि वह फिल्म भी बड़े पर्दे के अनुभव के लिए बनी है। सबने बहुत मेहनत की है। रणबीर कपूर को आप बहुत ही अलग रूप में देखेंगे। रणबीर बहुत ही अच्छे ऐक्टर हैं, तो उनके साथ काम करना भी यादगार रहा। वह फिल्म में बहुत ही अच्छे लग रहे हैं। मेरा लुक भी बहुत अलग है। मैं उम्मीद कर रही हूं कि चीजें जल्दी ठीक हो जाएं, तो मेरी बाकी दोनों फिल्में भी जल्दी पर्दे पर आएं। 'चंडीगढ़ करे आशिकी' के अनुभव के बारे में भी कुछ बताइए?उसका एक्सपीरियंस भी बहुत अच्छा था। हमने चंडीगढ़ में फिल्म शूट की। मैं 5-6 साल की थी, जब इससे पहले एक बार चंडीगढ़ गई थी, पर हम घूमे नहीं थे। इस बार भी कोविड की वजह से घूम नहीं पाए। आयुष्मान के साथ पहली बार काम किया। वह बहुत मेहनती हैं, रियलिस्टिक ऐक्टिंग करते हैं। गट्टू सर (अभिषेक कपूर) कमाल के फिल्ममेकर हैं। मेरे दिल में उनके लिए बहुत इज्जत है, क्योंकि वे बहुत दिल से और अलग विजन के साथ फिल्म बनाते हैं। सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है, जहां प्यार और नफरत दोनों बरसती हैं। आप ट्रोलिंग वगैरह कैसे हैंडल करती हैं? देखिए, या तो मैं नेगेटिविटी पर ध्यान दूं या पॉजिटिव पर, अगर पॉजिटिव ज्यादा है, तो टेंशन की कोई बात नहीं है। आप सबको खुश नहीं रख सकते हैं। आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, किसी न किसी को आपसे प्रॉब्लम होगी ही, तो मेरा मानना है कि उन लोगों को अहमियत ज्यादा दो, जो आपको प्यार दे रहे हैं। अक्षय कुमार के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा? शुरू में मुझे पता नहीं था कि वे कैसे होंगे। मैं बहुत पहले बस एक बार उनसे मिली थी। उन्होंने बहुत प्यार से बात की थी, पर बहुत ही छोटी और फॉर्मल बातचीत थी। ये मेरा पहला ऐसा अनुभव था, जहां कोई स्टार आपको इतना सहज महसूस कराता है। सेट पर हम इतने लोग थे, अक्षय सर सबको साथ लेकर चलते थे। सब साथ बैठकर लंच करते थे। जबकि मैं ऐसी हूं कि अपने होटल के कमरे में अकेली खाना खाती हूं। मैं लोगों के बीच में थोड़ी असहज हो जाती हूं। मुझे समझ नहीं आता कि मैं क्या बात करूं, तो वो कंफर्ट बनाने में अक्षय सर ने बहुत मदद की। वे इतने सहज हैं और पंजाबी हैं, तो एक कनेक्शन बन गया। फिल्म में आप दोनों कपल के रोल में हैं। अक्सर इंडस्ट्री में इस बात की आलोचना होती है कि हीरो अपने से आधी उम्र की हीरोइन के साथ रोमांस करते हैं। इस बारे में आपकी क्या राय है? मैं सच में मानती हूं कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। कल को मैं 50 साल की हो जाऊं और एक कहानी ऐसी है, जहां मुझे यंग हीरो के साथ रोमांस करना हो, तो मुझे नहीं लगता कि समाज को इससे दिक्कत होनी चाहिए, क्योंकि वह एक कहानी है। उम्र सिर्फ एक संख्या हैं। ये जो भी स्टार हैं, वे फिल्मों में इसलिए हैं, क्योंकि लोग उन्हें प्यार दे रहे हैं। उन्हें देखना चाहते हैं और सच में उम्र से कुछ फर्क नहीं पड़ना चाहिए। अगर कोई अच्छा काम कर रहा है, तो आप क्यों उसे रिटायर होने को कह रहे हैं, वह लड़की हो या लड़का हो, उम्र पर इतना ध्यान नहीं देना चाहिए।
from Entertainment News in Hindi, Latest Bollywood Movies News, मनोरंजन न्यूज़, बॉलीवुड मूवी न्यूज़ | Navbharat Times https://ift.tt/3kaGoZf

No comments:
Post a Comment