Hindi English News, Entertainment, Shopping, shopping offers, Shopping deals,lifestyle, bollywood, movies, state news, offers, Amazon,amazon offers,Latest news, showbiz, sport, comment, lifestyle, city, video and pictures from the Daily Express and Sunday Express newspapers and Express

Subscribe Us

test

Breaking

Post Top Ad

Your Ad Spot

Friday, January 15, 2021

रिव्यू: कैसी है सैफ अली खान की पॉलिटिकल-ड्रामा सीरीज 'तांडव'

पिछले काफी दिनों से के मुख्य किरदार वाली पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज '' का इंतजार किया जा रहा था। फाइनली यह सीरीज अब ऐमजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज कर दी गई है। यह इस सीरीज का पहला सीजन है और मेकर्स पहले ही बता चुके हैं कि जल्द ही इसके अगले सीजन की शूटिंग शुरू की जाएगी। कहानी: यह कहानी समर प्रताप सिंह (सैफ अली खान) की है। समर की पार्टी तीन बार से देश की संसद में काबिज है और उनके पिता देवकी नंदन (तिग्मांशु धूलिया) भारत के प्रधानमंत्री हैं। समर को पूरी उम्मीद है कि अब आने वाले समय में देवकी नंदन अपनी कुर्सी और पार्टी उनके हवाले कर देंगे लेकिन यह इतना आसान नहीं होता क्योंकि समर के पिता और राजनीति ने कुछ और ही सोच रखा है। जब समर को अपना रास्ता साफ होते नहीं दिखता है तो वह अपने पिता देवकी नंदन की हत्या कर देता है। लेकिन इसके बाद भी समर को कुर्सी नहीं मिल पाती और कुर्सी पर देवकी नंदन की नजदीकी नेता अनुराधा किशोर () काबिज हो जाती है। हालांकि समर की मदद के लिए उसका नजदीकी मददगार गुरपाल () हमेशा मौजूद रहता है। इसी बीच राजनीति कि रस्साकशी में वीएनयू (मतलब जेएनयू मान लीजिए) का एक यंग और डायनैमिक लीडर शिवा () भी मैदान में कूद पड़ता है। अब समर कैसे इस बीच अपना रास्ता बनाता है, बस यही इस पूरी वेब सीरीज की कहानी है। रिव्यू: डायरेक्टर अली अब्बास जफर को पता है कि ऑडियंस को क्या मसाला चाहिए। हालांकि इसी चतुराई में वह कहानी पर उतनी पकड़ नहीं बना पाए हैं जैसे की उम्मीद की जा रही थी। जब कहानी शुरू होती है तो आपको लगता है कि इसमें कई तरह की राजनीतिक पैंतरेबाजी देखने को मिलेगी लेकिन आपको निराशा ही हाथ लगेगी। अगर आपने अमेरिकन सीरीज 'हाउस ऑफ कार्ड्स' देखी है और वैसे ही पॉलिटिकल ड्रामा की उम्मीद कर रहे हैं तो आपको निराशा ही हाथ लगने वाली है। सैफ अली खान पूरी सीरीज में स्टाइलिश लगे हैं और उनकी परफॉर्मेंस भी काबिले तारीफ है लेकिन एविएटर सनग्लासेज में बार-बार उनका स्लोमोशन में दिखाई देना आपको अखरने लगेगा। राजनीति के बारे में भाषणबाजी जरूरत से ज्यादा की गई है और डायलॉग एक वक्त के बाद प्रभावहीन लगने लगते हैं। हालांकि एक बात की तारीफ करनी चाहिए कि अली अब्बास जफर ने क्लोज-अप में सभी कलाकारों के फेशल एक्सप्रेशन बहुत खूबसूरती से दिखाए हैं लेकिन डायलॉग और कहानी पर उनकी पकड़ उन्नीस ही नजर आती है। वैसे इस वेब सीरीज को पिछले 5 सालों की भारत की पॉलिटिक्स से काफी जोड़ने की कोशिश की गई। इसमें आपको स्टूडेंट पॉलिटिक्स, राजद्रोह कानून का इस्तेमाल, राजनीतिक साजिशें, किसानों का आंदोलन, आईटी सेल का प्रोपेगैंडा सबकुछ देखने को मिलेगा। लेकिन फिर भी यह आपको संतुष्ट नहीं कर पाती है। एक चीज जो आपको खुश कर सकती है, वह है कलाकारों का अभिनय। सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर और कुमुद मिश्रा ने जो बेहतरीन ऐक्टिंग की उसकी तारीफ बनती है लेकिन कमजोर कहानी और स्क्रीनप्ले के कारण आप अंत में इस सीरीज से उतने खुश नहीं हो पाएंगे जिसकी आप उम्मीद लगाकर बैठे थे। क्यों देखें: वीकेंड पर मसालेदार पॉलिटिकल ड्रामा देखने का मन हो तो देख सकते हैं।


from Entertainment News in Hindi, Latest Bollywood Movies News, मनोरंजन न्यूज़, बॉलीवुड मूवी न्यूज़ | Navbharat Times https://ift.tt/3smhVDo

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot