गुड़ के रंग को निखारने और उसमें चमक लाने के लिए गन्ने के रस को जिस कढ़ाई में पकाया जाता है। उसमें सैफलाइट नामक रसायन पदार्थ का उपयोग किया जा रहा है। कई किसान अरंडी का तेल मिलाकर गुड बना रहे हैं तो कई एक जंगली जड़ी भिंडी की जड़ को पीस कर कढ़ाई में डाला जाता है। इसमें खोलते गन्ने के रस में फैन निकलता है और गुड़ का रंग साफ हो जाता है। गुड़ कई साल तक बिना खराब हुए चलता है परन्तु इसमें हो रहे अपमिश्रण से स्थिति यह है कि अब गुड़ की गुणवत्ता चार पांच महीने की रह गई है। इसके बाद वह खराब हो जाता है। जानकारों के अनुसार रंग साफ करने के लिए इसमें मिलाया जाने वाला चूना, सैफालाइट, अरंडी का तेल गुड़ की गुणवत्ता को नाश कर देता है।
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